नई दिल्ली: भारतीय बाजारों में सोने की कीमतों में गिरावट का सिलसिला जारी है। आज, 7 जून 2025 को, 24 कैरेट सोने के 10 ग्राम की कीमत लगभग ₹98,120 है, जबकि 22 कैरेट सोने का भाव ₹89,950 प्रति 10 ग्राम है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से सोने के भाव में लगातार नरमी देखी जा रही है। यह गिरावट निवेशकों और आम लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रश्न खड़ा करती है कि आखिर सोने की कीमतें क्यों कम हो रही हैं?
सोने की कीमतों में गिरावट के पीछे कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय कारण हैं। इन कारणों को समझना जरूरी है ताकि इस बहुमूल्य धातु में निवेश करने वाले लोग सही निर्णय ले सकें।
1. अमेरिकी डॉलर की मजबूती: सोने की कीमतें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिकी डॉलर में तय होती हैं। जब अमेरिकी डॉलर मजबूत होता है, तो अन्य मुद्राओं वाले खरीदारों के लिए सोना महंगा हो जाता है। वर्तमान में, वैश्विक स्तर पर अमेरिकी डॉलर में मजबूती देखी जा रही है, जिसके कारण भारत में भी सोने की कीमतें नीचे आ रही हैं। मजबूत डॉलर के कारण सोने की मांग में कमी आती है, जिससे इसकी कीमतों पर दबाव बनता है।
2. वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों में वृद्धि: सोने की कीमतों पर वैश्विक आर्थिक परिस्थितियाँ महत्वपूर्ण प्रभाव डालती हैं। वर्तमान में, कई प्रमुख केंद्रीय बैंक, जिनमें अमेरिकी फेडरल रिजर्व भी शामिल है, मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरों में वृद्धि कर रहे हैं। जब ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो निवेशकों के लिए सोना कम आकर्षक हो जाता है क्योंकि यह कोई नियमित आय नहीं देता है। इसके विपरीत, उच्च ब्याज दरों वाले बॉन्ड और अन्य निश्चित आय वाले उपकरण अधिक लाभ की संभावना प्रदान करते हैं, जिससे सोने की मांग कम हो जाती है और इसकी कीमतें गिरती हैं।
3. भू-राजनीतिक तनाव में कमी: सोना एक सुरक्षित निवेश माना जाता है, खासकर जब वैश्विक स्तर पर राजनीतिक या आर्थिक अनिश्चितता होती है। युद्ध, तनाव या अन्य भू-राजनीतिक संकटों के समय सोने की मांग बढ़ जाती है और इसकी कीमतें भी ऊपर जाती हैं। हालांकि, वर्तमान में वैश्विक स्तर पर कुछ क्षेत्रों में तनाव कम होता दिख रहा है, जिससे सोने की सुरक्षित निवेश के रूप में मांग में थोड़ी कमी आई है। इस कारण भी सोने की कीमतों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
4. कमजोर मुद्रास्फीति के संकेत: सोना अक्सर मुद्रास्फीति के खिलाफ एक बचाव के रूप में इस्तेमाल होता है। जब महंगाई बढ़ती है, तो लोग सोने में निवेश करते हैं ताकि उनकी संपत्ति का मूल्य बरकरार रहे। हालांकि, अगर अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति के दबाव कम होते दिखाई देते हैं, तो सोने की मांग में कमी आ सकती है। वर्तमान में, कुछ आर्थिक आंकड़े कमजोर मुद्रास्फीति के संकेत दे रहे हैं, जिससे सोने की कीमतों में गिरावट आई है।
5. भारतीय रुपये की मजबूती: भारत में सोने की कीमतें रुपये और डॉलर के विनिमय दर से भी प्रभावित होती हैं। यदि भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मजबूत होता है, तो सोने का आयात सस्ता हो जाता है, जिससे घरेलू बाजार में सोने की कीमतें कम हो सकती हैं। हाल के दिनों में रुपये में कुछ मजबूती देखी गई है, जिसने सोने की कीमतों को नीचे लाने में योगदान दिया है।
आज का सोने का भाव (7 जून 2025, लगभग):
- 24 कैरेट सोना (10 ग्राम): ₹98,120
- 22 कैरेट सोना (10 ग्राम): ₹89,950
- 18 कैरेट सोना (10 ग्राम): ₹74,040
यह कीमतें सांकेतिक हैं और स्थानीय बाजारों में थोड़ी अलग हो सकती हैं।
सोने की कीमतों में यह गिरावट उन लोगों के लिए एक अवसर हो सकती है जो सोने में निवेश करना चाहते हैं। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सोने की कीमतें बाजार की परिस्थितियों के अनुसार बदलती रहती हैं और निवेश करने से पहले बाजार का विश्लेषण करना जरूरी है। विशेषज्ञों का मानना है कि लंबी अवधि में सोना अभी भी एक अच्छा निवेश विकल्प बना रह सकता है, लेकिन अल्पकालिक उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखना चाहिए।
कुल मिलाकर, भारत में सोने की कीमतों में आज जो गिरावट देखी जा रही है, वह वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर कई आर्थिक कारकों का परिणाम है। निवेशकों को इन कारकों को ध्यान में रखते हुए अपनी निवेश रणनीति तय करनी चाहिए।


