सितंबर 2024 में, ग्रीनलैंड के पूर्वी फ्योर्ड में एक अभूतपूर्व घटना घटी जिसने वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया था। नौ दिनों तक, हर 90 सेकंड में रहस्यमय भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे पूरी दुनिया में भूवैज्ञानिक समुदाय में चिंता होने लगी। अब, वैज्ञानिकों ने इस घटना के पीछे के चौंकाने वाले कारण का खुलासा किया है: एक विशाल मेगा सुनामी, जिसकी ऊँचाई लगभग 650 फीट (200 मीटर) थी।
यह असाधारण रूप से ऊँची सुनामी पूर्वी ग्रीनलैंड के डिक्सन फ्योर्ड में आई थी। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह सुनामी एक विशाल हिमस्खलन के कारण आई, जो समुद्र में गिरा और उसने पानी की एक विशाल दीवार खड़ी कर दी। इस सुनामी की ताकत इतनी अधिक थी कि इसने न केवल स्थानीय स्तर पर तबाही मचाई, बल्कि इसके कारण नौ दिनों तक लगातार भूकंप के झटके भी महसूस किए गए।
नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार, यह घटना प्रकृति के सबसे आश्चर्यजनक और दुर्लभ क्षणों में से एक थी। इतनी बड़ी सुनामी का आना अपने आप में एक असाधारण बात है, और इसका वैश्विक स्तर पर भूकंपीय गतिविधि को ट्रिगर करना और भी अधिक विस्मयकारी है। वैज्ञानिकों ने इस घटना का अध्ययन करने के लिए उपग्रह डेटा और भूकंपीय रिकॉर्ड का इस्तेमाल किया। उनके विश्लेषण से पता चला कि सुनामी के कारण पैदा हुई ऊर्जा ने पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों को इस तरह से प्रभावित किया कि लगातार भूकंप के झटके महसूस हुए।
यह पहली बार नहीं है, जब ग्रीनलैंड में इस तरह की घटना हुई है। जलवायु परिवर्तन के कारण आर्कटिक क्षेत्र तेजी से गर्म हो रहा है, जिससे ग्लेशियर और बर्फ की चादरें पिघल रही हैं और अस्थिर हो रही हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि भविष्य में इस तरह की मेगा सुनामी की घटनाएं और बढ़ सकती हैं, जो तटीय समुदायों और वैश्विक भूकंपीय गतिविधि के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर सकती हैं।
डिक्सन फ्योर्ड में आई इस मेगा सुनामी ने वैज्ञानिकों को जलवायु परिवर्तन के अप्रत्याशित और दूरगामी प्रभावों के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है। यह घटना इस बात का एक गंभीर अनुस्मारक है कि कैसे स्थानीय पर्यावरणीय परिवर्तन वैश्विक स्तर पर भूभौतिकीय घटनाओं को प्रभावित कर सकते हैं।
इस घटना का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों की टीम ने बताया कि सुनामी की ऊँचाई इतनी अधिक थी कि यह आसपास के पहाड़ों को भी पार कर गई होगी। उन्होंने यह भी पाया कि सुनामी के कारण फ्योर्ड के आसपास के तटीय इलाकों में भारी मात्रा में मिट्टी और मलबा जमा हो गया है।
यह मेगा सुनामी 2025 में नहीं, बल्कि सितंबर 2024 में आई थी। उस समय, नौ दिनों तक लगातार भूकंप के झटकों ने वैज्ञानिकों को उलझन में डाल दिया था। अब, इस रहस्यमय भूकंपीय गतिविधि का कारण स्पष्ट हो गया है। यह प्रकृति की एक ऐसी शक्ति का प्रदर्शन था जिसने वैज्ञानिकों को चकित कर दिया और जलवायु परिवर्तन के संभावित खतरों की ओर एक बार फिर ध्यान आकर्षित किया।
वैज्ञानिक अब इस घटना का और गहराई से अध्ययन कर रहे हैं ताकि यह समझा जा सके कि इस प्रकार की सुनामी कितनी बार आ सकती हैं और इनके क्या दीर्घकालिक प्रभाव हो सकते हैं। उनका मानना है कि इस जानकारी का उपयोग भविष्य में आने वाली ऐसी आपदाओं के लिए बेहतर तैयारी करने में मदद मिल सकती है।
ग्रीनलैंड में आई 650 फीट ऊंची मेगा सुनामी एक चेतावनी है कि जलवायु परिवर्तन किस प्रकार हमारी दुनिया को अप्रत्याशित तरीकों से बदल रहा है। इस घटना ने न केवल वैज्ञानिकों को चौंकाया है, बल्कि यह आम लोगों के लिए भी एक सबक है कि हमें अपने ग्रह की रक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।


