दुबई के मरीना के प्रतिष्ठित रिहायशी परिसर “मरीना पिनेकल” में शुक्रवार देर रात भीषण आग लग गई। इस 67-मंज़िला ऊँची इमारत में आग लगने के बाद 3,820 से अधिक निवासियों को इमरजेंसी सेवाओं द्वारा सुरक्षित रूप से बाहर निकाला गया। गनीमत रही कि इस भयावह हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
स्थानीय समयानुसार रात करीब 9:30 बजे आग सबसे पहले इमारत की ऊपरी मंज़िलों पर देखी गई। देखते ही देखते आग ने तेजी से ऊपरी फ्लोर को घेर लिया। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो और तस्वीरों में ऊँचाई से आग की लपटें और धुएं का गुबार साफ दिखाई दे रहा था।
दुबई सिविल डिफेंस की छह दमकल टीमें घटनास्थल पर तुरंत पहुंचीं। आग बुझाने में उन्हें लगभग 6 घंटे का समय लगा, और सुबह करीब 3:30 बजे आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि यदि प्रतिक्रिया इतनी तेज़ न होती, तो नुकसान कहीं ज़्यादा भयावह हो सकता था।
दुबई सरकार और नगरपालिका ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए प्रभावित परिवारों के लिए अस्थायी आवास, भोजन और चिकित्सा सहायता की व्यवस्था की। दुबई मीडिया ऑफिस के अनुसार, घटना की जांच जारी है और तकनीकी टीम यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आग कैसे लगी।
आग लगने के कारण दुबई ट्राम सेवा को अस्थायी रूप से निलंबित करना पड़ा। हालांकि स्थिति नियंत्रण में आने के बाद सेवा को फिर से शुरू कर दिया गया। घटना के दौरान आसपास की सड़कों पर यातायात को डायवर्ट किया गया था।
मरीना पिनेकल इमारत पहले भी फायर सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को लेकर चर्चा में रही है। 2015 में भी एक छोटी आग की घटना हो चुकी है, जिसमें रसोई से आग फैलने की खबर थी। इस बार की घटना ने दुबई में ऊँची इमारतों की फायर सेफ्टी को लेकर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।
दुबई जैसे वैश्विक शहर में यह घटना एक चेतावनी है कि बुनियादी ढांचे के साथ-साथ सुरक्षा मानकों को भी प्राथमिकता देना ज़रूरी है। हालांकि कोई जानहानि नहीं हुई, लेकिन आग ने यह स्पष्ट कर दिया कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए ठोस तैयारी और सक्रिय प्रशासनिक व्यवस्था आवश्यक है।


