गुजरात के कई जिलों में लगातार हो रही भीषण बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। खासकर सूरत, अहमदाबाद, वडोदरा, दाहोद और पंचमहल जिलों में पानी भरने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई इलाकों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं और राहत-बचाव दलों को अलर्ट पर रखा गया है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, सूरत में बीते 24 घंटे में 346 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से कहीं अधिक है। इसी तरह अहमदाबाद के मणिनगर क्षेत्र में मात्र चार घंटे में 118.5 मिमी बारिश दर्ज की गई। अचानक आई भारी वर्षा से शहरों की सड़कों पर भारी जलभराव हो गया और यातायात व्यवस्था ठप पड़ गई।
अहमदाबाद में कई अंडरपास पानी से भर गए हैं। एक व्यक्ति के बह जाने की खबर भी सामने आई है, जिसकी तलाश जारी है।
स्कूल बंद, सड़कें जलमग्न
सूरत प्रशासन ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई इलाकों में स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी किया है। जलभराव की स्थिति ऐसी हो गई है कि कई स्कूलों, अस्पतालों और कॉलोनियों का संपर्क मुख्य सड़कों से कट गया है।
राष्ट्रीय राजमार्ग NH-48 और बारडोली अंडरपास जैसे क्षेत्रों में सड़कें पूरी तरह जलमग्न हो गई हैं, जिससे वाहनों की आवाजाही बंद है।
राहत और बचाव कार्य जारी
राज्य सरकार ने स्थिति को गंभीर मानते हुए NDRF और SDRF की टीमों को तैनात कर दिया है। राहत कार्य के दौरान अब तक लगभग 20,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है। साथ ही कई राहत शिविर भी बनाए गए हैं जहाँ भोजन, पानी और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था की गई है।
अधिकारी लगातार डैम की निगरानी कर रहे हैं। 14 से अधिक डैमों के दरवाजे खोले गए हैं ताकि अतिरिक्त पानी बहाकर संभावित टूट-फूट से बचा जा सके।
खतरे की आशंका और प्रशासन का अलर्ट
IMD ने अगले कुछ दिनों तक गुजरात के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई है। इसके चलते प्रशासन ने येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
साथ ही जलजनित बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। मच्छरों और गंदे पानी के कारण डेंगू, मलेरिया और अन्य संक्रमणों के फैलने की आशंका है, जिससे स्वास्थ्य विभाग ने विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।
बाढ़ के पीछे के कारण
- बेतरतीब शहरीकरण – नदियों और नालों के ऊपर निर्माण कार्य ने जलनिकासी को प्रभावित किया है।
- कचरे की समस्या – शहर की खाड़ियों में कचरे का जमावड़ा पानी के बहाव को रोक रहा है।
- कमजोर ड्रेनेज सिस्टम – पुराने ड्रेनेज तंत्र की मरम्मत न होने से बारिश का पानी रुक रहा है।
इन कारणों से हर साल गुजरात के शहरों को भारी बारिश के समय बाढ़ जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है।


