उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारियों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने पंचायतों के परिसीमन (सीमांकन) का कार्य शुरू कर दिया है। इस प्रक्रिया से राज्य भर में ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों की सीमाएं फिर से तय होंगी। सरकार का दावा है कि इससे प्रशासनिक व्यवस्था मजबूत होगी और विकास कार्यों को गति मिलेगी।
राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार, पंचायत परिसीमन का कार्य जिले स्तर पर गठित समितियों की देखरेख में होगा। जिला पंचायत राज अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। अधिकारियों ने बताया कि नई जनगणना के आंकड़ों और भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए पंचायत क्षेत्रों का पुनर्गठन किया जाएगा।
जनसंख्या और भौगोलिक संतुलन का रखा जाएगा ध्यान
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि परिसीमन में हर पंचायत क्षेत्र की आबादी, क्षेत्रफल तथा सामाजिक समरसता का विशेष ध्यान रखा जाएगा। ग्रामीण इलाकों में कई स्थानों पर पिछले वर्षों में जनसंख्या में भारी बदलाव हुआ है। कुछ गाँवों की आबादी तेज़ी से बढ़ी है, जबकि कई जगहों पर पलायन के कारण जनसंख्या में गिरावट आई है। इन स्थितियों को ध्यान में रखते हुए पंचायतों की सीमाएं तय की जाएंगी।
चुनावों की तैयारी में भी आएगी तेजी
उत्तर प्रदेश में अगले साल पंचायत चुनाव होने की संभावना है। परिसीमन कार्य समय पर पूरा होने से चुनाव की तैयारियां भी सुचारू रूप से की जा सकेंगी। पंचायती राज विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण भी होगा। इससे मतदाताओं की सटीक सूची तैयार की जा सकेगी।
स्थानीय लोगों को मिलेगा अपनी बात रखने का मौका
सरकार ने यह भी कहा है कि परिसीमन की प्रारंभिक सूची सार्वजनिक की जाएगी ताकि कोई भी व्यक्ति, समूह या संगठन अपनी आपत्ति या सुझाव दे सके। इस पर विचार करने के बाद अंतिम सीमांकन सूची जारी की जाएगी। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और किसी के साथ अन्याय नहीं होगा।
हालांकि परिसीमन का कार्य इतना आसान भी नहीं है। पिछले अनुभव बताते हैं कि सीमाएं बदलने पर कई गाँवों में विवाद खड़े हो जाते हैं। लोग अपने गाँव को उसी पंचायत में बनाए रखने की मांग करते हैं। अधिकारियों ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए पूरी प्रक्रिया को कानूनी दायरे में रखते हुए किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि परिसीमन का कार्य समयबद्ध ढंग से पारदर्शिता के साथ पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस तरह पंचायत परिसीमन का कार्य उत्तर प्रदेश में ग्रामीण प्रशासन के नए खाके तैयार करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। अब देखना होगा कि यह प्रक्रिया कितनी शांतिपूर्ण और समय पर पूरी होती है। साथ ही, इससे भविष्य में गाँवों में विकास की तस्वीर कितनी बदलेगी, यह भी अहम रहेगा।


