हिमाचल में कहर बरपाती बारिश: जान और माल का भारी नुकसान

इस मॉनसून सीजन की शुरुआत से ही हिमाचल प्रदेश में स्थिति गंभीर बनी हुई है। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, अब तक 60 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दर्जनों लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। घायलों की संख्या 100 से ऊपर है। यह आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं, क्योंकि कई दुर्गम क्षेत्रों से अभी तक पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है।

बारिश और बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में मंडी, कांगड़ा, चंबा, कुल्लू, और शिमला शामिल हैं। मंडी जिले में स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक है, जहां बादल फटने की कई घटनाओं ने बड़े पैमाने पर विनाश किया है। अकेले मंडी में 17 से अधिक लोगों की जान गई है और 30 से अधिक लोग लापता हैं। कई गांवों में अचानक आई बाढ़ (फ्लैश फ्लड) ने घरों, दुकानों और खेतों को तबाह कर दिया है।

सड़कों का टूटना और संपर्क का कटना

बारिश और भूस्खलन के कारण राज्य की सड़कें पूरी तरह से ठप हो गई हैं। 300 से अधिक सड़कें बंद हैं, जिनमें कई राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं। चंडीगढ़-मनाली हाईवे पर जगह-जगह भूस्खलन हुए हैं, जिससे पर्यटकों और स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कनेक्टिविटी बाधित होने से राहत और बचाव कार्यों में भी बाधा आ रही है.

इसके अलावा, कई पुल बह गए हैं, जिससे दूरदराज के इलाकों का संपर्क पूरी तरह से टूट गया है। बिजली के खंभे उखड़ गए हैं और बिजली आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। राज्य के कई हिस्सों में पेयजल योजनाएं ठप हो गई हैं, जिससे लोगों को साफ पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इन सभी समस्याओं ने सामान्य जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है।

आर्थिक क्षति और पुनर्निर्माण की चुनौती

हिमाचल प्रदेश को इस मॉनसून में अब तक 400 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है क्योंकि अभी भी नुकसान का पूरा आकलन नहीं हो पाया है। घरों, फसलों, पशुधन और सरकारी बुनियादी ढांचे को भारी क्षति पहुंची है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार से मदद की अपील की है और कहा है कि राज्य को इस प्राकृतिक आपदा से उबरने के लिए बड़े पैमाने पर सहायता की आवश्यकता होगी।

बचाव और राहत कार्य

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में लगातार बचाव और राहत अभियान चला रही हैं। फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और भोजन तथा अन्य आवश्यक सामग्री वितरित की जा रही है। हालांकि, खराब मौसम और लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण इन अभियानों में बाधा आ रही है।

मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। लोगों को नदी-नालों से दूर रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है। पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और पेड़ गिरने की आशंका बनी हुई है।

हिमाचल प्रदेश के लिए यह मॉनसून एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। इस तबाही से उबरने में राज्य को लंबा समय और संसाधनों की आवश्यकता होगी। यह समय है कि हम सब मिलकर इन मुश्किलों का सामना करें और प्रभावित लोगों की मदद के लिए आगे आएं।

Nation TV
Author: Nation TV

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