नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के व्यस्त करोल बाग इलाके में शुक्रवार शाम एक बड़ा हादसा हो गया। यहां स्थित विशाल मेगा मार्ट के एक चार मंजिला शोरूम में भीषण आग लग गई, जिसमें दम घुटने से एक 25 वर्षीय युवक समेत दो लोगों की मौत हो गई, जबकि लाखों रुपये का सामान जलकर राख हो गया। आग लगने की सूचना मिलते ही दमकल विभाग की 15 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका।
यह दर्दनाक घटना शुक्रवार शाम करीब 6 बजकर 44 मिनट पर करोल बाग के पदम सिंह रोड स्थित विशाल मेगा मार्ट में हुई। आग सबसे पहले चार मंजिला इमारत की दूसरी मंजिल पर लगी, जहां कपड़े और प्लास्टिक का सामान बड़ी मात्रा में रखा हुआ था। ज्वलनशील पदार्थों की मौजूदगी के कारण आग तेजी से फैली और देखते ही देखते पूरी इमारत को अपनी चपेट में ले लिया। इमारत के बेसमेंट में भी किराने का सामान और अन्य ज्वलनशील वस्तुएं भरी हुई थीं, जिससे आग बुझाने में दमकल कर्मियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
दमकल विभाग के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि उन्हें आग लगने की सूचना शाम को मिली थी और तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी गई थी। दमकल अधिकारी एम के चट्टोपाध्याय के अनुसार, आग की शुरुआत दूसरी मंजिल से हुई और वहां से फैलते हुए इसने पूरी इमारत को प्रभावित कर दिया। आग बुझाने के लिए दमकल की छह गाड़ियों ने लगातार प्रयास किया और करीब 12 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद शनिवार सुबह आग पर पूरी तरह से काबू पाया जा सका।
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दिल्ली: करोल बाग के विशाल मेगा मार्ट में भीषण आग, UPSC की तैयारी कर रहे युवक समेत दो की मौत, लाखों का नुकसान
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के व्यस्त करोल बाग इलाके में शुक्रवार शाम एक बड़ा हादसा हो गया। यहां स्थित विशाल मेगा मार्ट के एक चार मंजिला शोरूम में भीषण आग लग गई, जिसमें दम घुटने से एक 25 वर्षीय युवक समेत दो लोगों की मौत हो गई, जबकि लाखों रुपये का सामान जलकर राख हो गया। आग लगने की सूचना मिलते ही दमकल विभाग की 15 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका।
यह दर्दनाक घटना शुक्रवार शाम करीब 6 बजकर 44 मिनट पर करोल बाग के पदम सिंह रोड स्थित विशाल मेगा मार्ट में हुई। आग सबसे पहले चार मंजिला इमारत की दूसरी मंजिल पर लगी, जहां कपड़े और प्लास्टिक का सामान बड़ी मात्रा में रखा हुआ था। ज्वलनशील पदार्थों की मौजूदगी के कारण आग तेजी से फैली और देखते ही देखते पूरी इमारत को अपनी चपेट में ले लिया। इमारत के बेसमेंट में भी किराने का सामान और अन्य ज्वलनशील वस्तुएं भरी हुई थीं, जिससे आग बुझाने में दमकल कर्मियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
दमकल विभाग के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि उन्हें आग लगने की सूचना शाम को मिली थी और तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी गई थी। दमकल अधिकारी एम के चट्टोपाध्याय के अनुसार, आग की शुरुआत दूसरी मंजिल से हुई और वहां से फैलते हुए इसने पूरी इमारत को प्रभावित कर दिया। आग बुझाने के लिए दमकल की छह गाड़ियों ने लगातार प्रयास किया और करीब 12 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद शनिवार सुबह आग पर पूरी तरह से काबू पाया जा सका।
इस हादसे में एक 25 वर्षीय युवक की मौत हो गई, जिसकी पहचान धीरेंद्र प्रताप सिंह के रूप में हुई है। धीरेंद्र उत्तर प्रदेश का रहने वाला था और पिछले पांच साल से दिल्ली में रहकर यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी कर रहा था। वह करोल बाग इलाके में ही एक पीजी में रहता था। बताया जा रहा है कि आग लगने के दौरान वह लिफ्ट में फंस गया था और दम घुटने से उसकी मौत हो गई। उसके शव को लिफ्ट के अंदर से बरामद किया गया। मृतक के परिजनों ने इस घटना में लापरवाही का आरोप लगाया है। शनिवार को एक और व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई, हालांकि उसकी पहचान अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है।
प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है। हालांकि, पुलिस और फॉरेंसिक टीम मामले की विस्तृत जांच कर रही है ताकि आग लगने के असली कारणों का पता चल सके। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या विशाल मेगा मार्ट में सुरक्षा मानकों का पालन किया गया था या नहीं। जिला पुलिस उपायुक्त निधिन वाल्सन ने बताया कि मेगा मार्ट में कपड़ों के साथ-साथ किराने का सामान भी बेचा जाता था और शोरूम में रखे ज्वलनशील सामान ने आग को और विकराल बना दिया। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि कहीं सुरक्षा मानकों की अनदेखी तो नहीं हुई थी।
आग की वजह से विशाल मेगा मार्ट में रखा लाखों रुपये का सामान जलकर खाक हो गया है। इमारत को भी काफी नुकसान पहुंचा है। आग बुझने के बाद अब कूलिंग का काम जारी है ताकि दोबारा आग न भड़के। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने एक बार फिर दिल्ली में व्यावसायिक इमारतों में सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। करोल बाग जैसे घनी आबादी वाले इलाके में इस तरह की घटना होना चिंता का विषय है। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि सरकार और नगर निगम ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त कदम उठाएं और सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में फायर सेफ्टी उपकरणों की उपलब्धता और उनके सही तरीके से काम करने को सुनिश्चित करें।
मृतक धीरेंद्र के भाई को भेजे गए उसके आखिरी मैसेज से पता चलता है कि वह आग लगने के बाद लिफ्ट में फंस गया था और उसने अपने भाई से मदद की गुहार लगाई थी। उसके भाई ने आरोप लगाया कि सूचना देने के बावजूद दमकलकर्मी और पुलिस देर से पहुंचे, जिसकी वजह से धीरेंद्र को बचाया नहीं जा सका। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और वे इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।


