ट्रंप की पाकिस्तान से सांठगांठ!, दोस्त कहकर भारत को दिखाया ठेंगा, टैरिफ के बाद लगाया ये प्रतिबन्ध

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद एक और बड़ा कदम उठाया है। ट्रंप प्रशासन ने ईरान से पेट्रोलियम उत्पादों के व्यापार में कथित संलिप्तता के लिए छह भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह कार्रवाई वैश्विक स्तर पर कुल 20 कंपनियों और 10 जहाजों को लक्षित करती है, जिन पर अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन करने का आरोप है।

प्रतिबंधित भारतीय कंपनियां:

खबरों के मुताबिक, जिन छह भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, उनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

  • अलकेमिकल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (Alchemical Solutions Pvt. Ltd.): मुंबई स्थित इस पेट्रोकेमिकल ट्रेडिंग कंपनी पर जनवरी से दिसंबर 2024 के बीच $84 मिलियन से अधिक मूल्य के ईरानी पेट्रोकेमिकल उत्पादों के आयात का आरोप है।
  • ग्लोबल इंडस्ट्रियल केमिकल्स लिमिटेड (Global Industrial Chemicals Ltd.): इस कंपनी पर जुलाई 2024 से जनवरी 2025 के बीच $51 मिलियन से अधिक मूल्य के ईरानी मेथनॉल और अन्य पदार्थों की खरीद का आरोप है।
  • ज्यूपिटर डाई केम प्राइवेट लिमिटेड (Jupiter Dye Chem Pvt. Ltd.): इस पर जनवरी 2024 से जनवरी 2025 के बीच $49 मिलियन से अधिक मूल्य के ईरानी मूल के उत्पादों, जिसमें टोल्यून भी शामिल है, के आयात का आरोप है।
  • रमणिकलाल एस. गोसलिया एंड कंपनी (Ramniklal S. Gosalia & Co.): इस पर जनवरी 2024 से जनवरी 2025 के बीच $22 मिलियन से अधिक मूल्य के ईरानी पेट्रोकेमिकल उत्पादों, जैसे मेथनॉल और टोल्यून, के आयात का आरोप है।
  • परसिस्टेंट पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड (Persistent Petrochem Pvt. Ltd.): इस पर अक्टूबर से दिसंबर 2024 के बीच लगभग $14 मिलियन मूल्य के ईरानी पेट्रोकेमिकल्स, जैसे मेथनॉल, के शिपमेंट आयात करने का आरोप है।
  • कंचन पॉलिमर्स (Kanchan Polymers): इस कंपनी पर फरवरी से जुलाई 2024 के बीच यूएई स्थित टेनैस ट्रेडिंग से $1.3 मिलियन से अधिक मूल्य के ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों, जिसमें पॉलीइथाइलीन भी शामिल है, के आयात और खरीद का आरोप है।

प्रतिबंधों का कारण और प्रभाव:

अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, ये प्रतिबंध ईरान के राजस्व स्रोतों को बाधित करने के उद्देश्य से लगाए गए हैं, जिनका उपयोग ईरान कथित तौर पर “आतंकवाद और घरेलू दमन को वित्तपोषित” करने के लिए करता है। इन प्रतिबंधों का मतलब है कि ये भारतीय कंपनियां अब अमेरिका के साथ किसी भी तरह का व्यापार नहीं कर पाएंगी। उनके अमेरिकी-आधारित सभी एसेट्स फ्रीज कर दिए जाएंगे और अमेरिकी कंपनियों के साथ उनके लेनदेन पर रोक लग जाएगी। यह कदम उन सभी संस्थाओं पर भी लागू होगा जिनका स्वामित्व इन प्रतिबंधित कंपनियों के पास 50 प्रतिशत या उससे अधिक है।

भारत पर संभावित असर:

इन प्रतिबंधों से भारतीय कंपनियों को वित्तीय नुकसान होने की संभावना है और उनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में विश्वसनीयता पर भी सवाल उठ सकते हैं। यह भारत और अमेरिका के व्यापारिक संबंधों में और तनाव पैदा कर सकता है, खासकर 25% टैरिफ की घोषणा के बाद।

Nation TV
Author: Nation TV

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