फतेहपुर, 13 अगस्त 2025। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में नवाब अब्दुल समद (मंगी मकबरा) के 200 वर्ष पुराने मकबरे को लेकर विवाद गहरा गया है। हिंदू संगठनों द्वारा इसे “ठाकुर जी का मंदिर” बताने और पूजा-पाठ की घोषणा करने के बाद 11 अगस्त से क्षेत्र में तनाव का माहौल है।
झंडा फहराने से बिगड़ा माहौल
11 अगस्त को बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने मकबरे पर भगवा झंडा फहराया। पुलिस और प्रशासन ने तुरंत झंडा हटवाया, जिसके बाद मौके पर नारेबाजी और धक्का-मुक्की हुई। आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़कर अंदर प्रवेश की कोशिश की, जिससे पुलिस से झड़प भी हुई।
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एफआईआर और सुरक्षा बंदोबस्त
घटना के बाद 10 नामजद और करीब 150 अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपियों पर अवैध सभा, उकसाने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और शांति भंग करने के मामले दर्ज हुए हैं। हालात काबू में रखने के लिए प्रशासन ने एसटीएफ और कई थानों की फोर्स तैनात की है। साथ ही मकबरे के क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत कराई गई है।
विधानसभा में गरमाया मुद्दा
12 अगस्त को यूपी विधानसभा में यह मामला छाया रहा। समाजवादी पार्टी ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह जानबूझकर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ना चाहती है। वहीं सरकार ने कहा कि कानून अपना काम कर रहा है और दोषियों पर कार्रवाई होगी।
सियासी बयानबाजी
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना को देश में बढ़ती नफरत का उदाहरण बताते हुए भाजपा और यूपी पुलिस पर धार्मिक पक्षपात का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में दोषियों को खुली छूट दी जा रही है।
पृष्ठभूमि
मंगी मकबरा को लेकर वर्षों से विवाद है। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यहां नवाब अब्दुल समद और उनके पुत्र की कब्रें हैं, जबकि हिंदू पक्ष का दावा है कि यह एक प्राचीन शिव मंदिर था, जिसके अवशेष आज भी मौजूद हैं। भूमि स्वामित्व को लेकर मामला अदालत में विचाराधीन है।


