स्वतंत्रता दिवस 2025: लाल किले से पीएम मोदी का संबोधन

नई दिल्ली: 15 अगस्त, 2025 को भारत ने अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया। उनका संबोधन मुख्य रूप से ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य पर केंद्रित था, लेकिन उन्होंने किसानों के लिए पानी और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी बात की।

विकसित भारत का संकल्प और प्रमुख घोषणाएँ

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में सबसे पहले स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी और देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत अब एक आत्मविश्वास से भरा हुआ राष्ट्र है, जो अपनी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है। उन्होंने ‘पंच प्रण’ (विकसित भारत का लक्ष्य, गुलामी की मानसिकता से मुक्ति, अपनी विरासत पर गर्व, एकता, और नागरिक कर्तव्य) को दोहराया और युवाओं से इसमें सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया।

अपने संबोधन में उन्होंने कई नई योजनाओं और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला:

कृषि और किसान: प्रधानमंत्री ने किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर ज़ोर दिया। उन्होंने ‘प्रधानमंत्री किसान समृद्धि योजना’ के विस्तार की घोषणा की और किसानों के लिए नई तकनीकों को अपनाने पर बल दिया।

युवा और कौशल विकास: युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करने हेतु एक नए राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन की घोषणा की, जिसका उद्देश्य रोज़गार और उद्यमिता को बढ़ावा देना है।

बुनियादी ढाँचा: देश में आधुनिक बुनियादी ढाँचे के निर्माण की प्रगति पर जोर दिया, जिसमें राजमार्गों, रेलवे, और डिजिटल कनेक्टिविटी का विस्तार शामिल है।

महिला सशक्तिकरण:

उन्होंने ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ की सफलता को सराहा और कहा कि महिलाओं की भागीदारी के बिना विकसित भारत का सपना अधूरा है।

किसानों के लिए पानी और सिंधु नदी पर पीएम मोदी की टिप्पणी

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में किसानों के लिए पानी की उपलब्धता के मुद्दे पर बात की। उन्होंने कहा, “जल ही जीवन है और हमारे किसानों के लिए तो यह जीवन रेखा है।” उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने सिंधु जल संधि का ज़िक्र करते हुए कहा कि भारत को सिंधु नदी प्रणाली के तहत अपने हिस्से के पानी का पूरा उपयोग करने का अधिकार है। उन्होंने कहा, “जो पानी हमारे किसानों का है, वह किसी और के पास नहीं जाना चाहिए। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारे हिस्से का एक-एक बूंद पानी हमारे खेतों तक पहुँचे।” प्रधानमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय संधियों का सम्मान किया है, लेकिन राष्ट्रहित सर्वोपरि है।

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Author: Nation TV

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