जम्मू: जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही भारी बारिश ने पूरे इलाके में कहर बरपाया है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। विशेष रूप से डोडा जिले में बादल फटने की घटना ने भीषण तबाही मचाई है। कई इलाकों में पुल और सड़कें बह गई हैं, जिससे बस सर्विस और यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, जिससे कई ऐतिहासिक स्थल और रिहायशी इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।
मुख्य तथ्य और ताज़ा जानकारी:
- डोडा में बादल फटना: डोडा जिले के थाथरी इलाके में बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई। इस घटना में कई घर बह गए और बड़े पैमाने पर संपत्ति का नुकसान हुआ है। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, 4 लोगों की मौत हो गई है और 14 अन्य घायल हुए हैं। कई मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं और लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में हैं।
यातायात और कनेक्टिविटी बाधित:
भारी बारिश और भूस्खलन के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद कर दिया गया है। इसके अलावा, कई पुल और सड़कें भी बह गई हैं, जिससे डोडा और आसपास के क्षेत्रों में यातायात ठप हो गया है। कश्मीर घाटी में भी नेटवर्क सेवा बुरी तरह प्रभावित हुई है।
धार्मिक स्थलों को नुकसान:
तवी नदी के बढ़ते जलस्तर ने जम्मू शहर में कहर बरपाया है। नदी के बहाव में एक श्मशान घाट बह गया है और कई शिव मंदिर पानी में डूब गए हैं। तवी नदी के किनारे स्थित कई मंदिरों की संरचना को भारी नुकसान पहुंचा है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया:
जिला प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। प्रभावित क्षेत्रों में बचाव दल तैनात किए गए हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। मौसम विभाग ने अगले 40 घंटों के लिए और अधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे प्रशासन ने लोगों को अनावश्यक यात्रा से बचने और सुरक्षित रहने की सलाह दी है।
- वैष्णो देवी यात्रा प्रभावित: खतरे को देखते हुए, वैष्णो देवी यात्रा को भी फिलहाल रोक दिया गया है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मौसम सामान्य होने तक यात्रा शुरू न करें।
पूरे जम्मू-कश्मीर में स्थिति गंभीर बनी हुई है। चिनाब और तवी जैसी प्रमुख नदियाँ उफान पर हैं। प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और लोगों को सुरक्षित रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।


