आज रात “खून जैसा लाल चाँद”: भारत के हर कोने से दिखेगा साल का सबसे बड़ा पूर्ण चंद्रग्रहण

नई दिल्ली, 7 सितम्बर 2025

रात में पूरा चाँद पृथ्वी की छाया में आकर गहरा लाल दिखाई देगा. वैज्ञानिक रूप से यह पूर्ण चंद्रग्रहण है, जिसे जन-साधारण में “Blood Moon” कहा जा रहा है।

किस समय और कहाँ दिखाई देगा?

खगोलीय गणनाओं और देशभर के मौसम पर निर्भरता को छोड़कर, यह पूर्ण चंद्रग्रहण भारत के सभी प्रमुख शहरों से निर्धारित समय पर देखा जा सकेगा। नीचे शहरवार समय सारणी दी गयी है.

शहरआंशिक ग्रहण आरम्भपूर्ण ग्रहण (टोटलिटी)पूर्ण ग्रहण समाप्तिग्रहण समाप्ति (कुल)
दिल्लीरात 9:57 बजे11:01 बजे – 12:22 बजे12:22 बजे1:26 AM
लखनऊरात 9:57 बजे11:01 बजे – 12:22 बजे12:22 बजे1:26 AM
वाराणसी (Varanasi)रात 9:57 बजे11:01 बजे – 12:22 बजे12:22 बजे1:26 AM
अयोध्या (Ayodhya)रात 9:57 बजे11:01 बजे – 12:22 बजे12:22 बजे1:26 AM
नागपुर (Nagpur)रात 9:57 बजे11:01 बजे – 12:22 बजे12:22 बजे1:26 AM
मुंबई (Mumbai)रात 9:57 बजे11:01 बजे – 12:22 बजे12:22 बजे1:26 AM
कोलकाता (Kolkata)रात 9:57 बजे11:01 बजे – 12:22 बजे12:22 बजे1:26 AM
चेन्नई (Chennai)रात 9:57 बजे11:01 बजे – 12:22 बजे12:22 बजे1:26 AM

नोट: सभी शहरों में समय समान रूप से लागू होता है. असल अंतर केवल मौसम (बादल/धुंध) और स्थानीय क्षितिज की स्थिति से होगा।

वैज्ञानिक व्याख्या — क्यों लाल दिखता है चाँद?

पूर्ण चंद्रग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है और उसकी पूर्ण छाया (umbra) चंद्रमा पर पड़ती है। पृथ्वी का वायुमंडल सूर्य से आने वाली प्रकाश किरणों की कुछ तरंगदैर्घ्यों को बिखेर देता है — नीले रंग की रोशनी वायुमंडल में अधिक बिखर जाती है, जबकि लाल तरंगें विक्षिप्त होकर भी चंद्रमा तक पहुँच जाती हैं। इसीलिए चाँद पर लालिमा छा जाती है और उसे “Blood Moon” कहा जाता है।

यह घटना पूरी तरह सुरक्षित है — इसे बिना किसी सुरक्षा चश्मे के खुले आसमान से नंगी आँखों से देखा जा सकता है।

पारंपरिक मान्यताएँ और ज्योतिषीय पहलू

हिंदू परंपरा में ग्रहण को विशेष रूप से लिया जाता है। इस बार सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से माना जा रहा है — परंपरा के अनुसार सूतक काल में कुछ धार्मिक और मांगलिक कार्य टालने की सलाह दी जाती है। ग्रहण के समाप्ति (1:26 AM) के बाद शुद्धिकरण, स्नान और दान-पुण्य करने की परंपरा है।

ज्योतिषीय दृष्टि से यह ग्रहण कुंभ राशि और पूर्वा भाद्रपदा नक्षत्र में घट रहा है। कुछ ज्योतिषियों के अनुसार मेष, वृषभ, कन्या और धनु राशि वालों को लाभकारी प्रभाव मिल सकते हैं; परन्तु ज्योतिष अलग-अलग विद्वानों में मतभेद हो सकता है।

क्या करें — क्या न करें

✅ क्या करें (Do’s)

  • ग्रहण से पहले स्नान और पूजा करना शुभ माना जाता है।
  • ग्रहण के दौरान ध्यान, शांति और मंत्रजप करना उपयोगी माना जाता है।
  • ग्रहण के बाद शुद्धिकरण — स्नान कर दान या सेवा में हिस्सा लें।
  • यदि आप फोटोग्राफी करना चाहते हैं तो खुले, अर्द्ध-अँधेरे स्थान चुनें और ट्राइपॉड का प्रयोग करें।

❌ क्या न करें (Don’ts)

  • सूतक काल और ग्रहण के दौरान नित्यकर्म या मांगलिक कार्यों से परहेज़ करें (स्थानीय परंपरा के अनुसार)।
  • गर्भवती महिलाएँ पारंपरिक सलाह के अनुसार सावधान रहें और यदि आवश्यक हो तो चिकित्सक की सलाह लें — किन्तु वैज्ञानिक दृष्टि से कोई शारीरिक हानि नहीं होती।
  • अंधविश्वास में पड़कर अतिशय भय या तनाव न लें— यह एक प्राकृतिक खगोलीय घटना है।

फोटोग्राफी टिप्स (संक्षेप में)

  • यदि आपके पास DSLR/मिररलेस है तो ट्राइपॉड और दूरबीन/टेलिस्कोप के साथ लंबा टेली-लेंस उपयोग करें।
  • मोबाइल से फ़ोटो: Night Mode/Pro Mode का प्रयोग करें, लेंस साफ रखें और ज़ूम की बजाय क्लोज़-अप के लिए ट्राइपॉड का उपयोग करें।
  • एक्सपोज़र और ISO को संतुलित रखें — रात के बावजूद लाल रंग को पकड़ने के लिए मध्यम-लंबी एक्सपोज़र उपयोगी रहती है।

निष्कर्ष

आज रात का यह Blood Moon न केवल वैज्ञानिक दृष्टि से दिलचस्प है बल्कि पारंपरिक और सांस्कृतिक रूप से भी महत्व रखता है। साफ़ आकाश, खुली छत या मैदान से आप इस अद्भुत नज़ारे का आनंद ले सकते हैं। याद रखें — यह पूर्ण चंद्रग्रहण सुरक्षित है और आँखों के लिये हानिकारक नहीं।

Nation TV
Author: Nation TV

Leave a Comment

विज्ञापन
लाइव क्रिकेट स्कोर
Infoverse Academy