दुबई/नई दिल्ली, 15 सितंबर 2025। एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए हाई-वोल्टेज मुकाबले के बाद एक नई बहस शुरू हो गई है। मैच खत्म होने के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने पारंपरिक हैंडशेक से इनकार कर दिया और सीधे ड्रेसिंग रूम की ओर बढ़ गए। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हालिया आतंकी हमले ने दोनों देशों के रिश्तों में तनाव और गहरा कर दिया है।
मैच का रोमांच और अंत
14 सितंबर को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में हजारों दर्शक मौजूद थे। दोनों टीमों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली। लेकिन मैच खत्म होने के बाद जो दृश्य सामने आया, उसने खेल की दिशा से ज़्यादा चर्चा का रुख खिलाड़ियों के रवैये की ओर मोड़ दिया।
🤝 हाथ मिलाने से इनकार
- आमतौर पर क्रिकेट मैच के बाद दोनों टीमें हाथ मिलाकर खेल भावना का परिचय देती हैं।
- इस बार भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से दूरी बनाई और हाथ मिलाने की परंपरा को निभाने से मना कर दिया।
- कैमरों में कैद यह दृश्य सोशल मीडिया पर तुरंत वायरल हो गया और #NoHandshake ट्रेंड करने लगा।
प्रतिक्रियाएँ
- भारतीय मीडिया: घटना को “स्पष्ट संदेश” करार दिया कि खेल भावना से पहले देशहित सर्वोपरि है।
- पाकिस्तानी मीडिया: इसे “अनावश्यक राजनीतिक रंग” देने की कोशिश बताया।
- सोशल मीडिया: लोगों ने इसे पहलगाम आतंकी हमले से जोड़कर कहा—“जब हमारे जवान शहीद हो रहे हैं तो हाथ मिलाने का कोई औचित्य नहीं।”
🏏 बोर्ड का पक्ष
BCCI सूत्रों ने संकेत दिया कि खिलाड़ियों ने सुरक्षा और हालिया घटनाओं को देखते हुए हैंडशेक न करने का निर्णय लिया। वहीं PCB ने बयान जारी कर कहा कि “खेल भावना को राजनीति से जोड़ना सही नहीं है। भारतीय खिलाड़ियों का यह कदम निराशाजनक है।” दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने इस मुद्दे पर अब तक सार्वजनिक बयान देने से परहेज़ किया है।
💣 पहलगाम आतंकी हमला और असर
- हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कई लोगों की जान गई थी।
- भारत ने इसके लिए पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों को जिम्मेदार ठहराया।
- सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, हमले की साजिश सीमा पार से रची गई थी।
- इसी पृष्ठभूमि में दुबई मैच का ‘नो हैंडशेक’ विवाद और अधिक गहराई से देखा जा रहा है।
🌍 खेल और कूटनीति की दूरी
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट महज़ खेल नहीं बल्कि कूटनीति का आईना माना जाता है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सीरीज़ एक दशक से ठप है। हर मुकाबले को दोनों देशों के रिश्तों की कसौटी माना जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार भारतीय खिलाड़ियों का कदम साफ संदेश है कि “खेल भावना से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा और शहीदों का सम्मान ज़रूरी है।”
📌 निष्कर्ष
भारत-पाक क्रिकेट हमेशा राजनीति और भावनाओं से जुड़ा रहा है। दुबई में ‘नो हैंडशेक’ विवाद ने यह साबित कर दिया है कि खेल और कूटनीति की दूरी अब और बढ़ गई है। पहलगाम हमले की पृष्ठभूमि ने इस घटना को और भी गंभीर बना दिया है। आने वाले मैचों में सबकी निगाहें होंगी कि क्या तनाव कम होगा या फिर यह खाई और गहरी होती जाएगी।


