राजनीति में न कोई किसी का सगा होता है न ही दुश्मन, लेकिन सियासत के दांव पेंच भी निराले होते हैं। कभी एक दूसरे को जीभर कर कोसना, मुखालफत करना और फिर दूसरे ही पल गठबंधन करके सरकार बना लेना। शायद यही सियासत है जो सरल लोगों के पल्ले नहीं पड़ती।
यही हालत आप और कांग्रेस की है। असल में आप वही दल है जिसकी उत्पत्ति ही कांग्रेस को खत्म करने के वायदे के साथ हुई थी। कभी इसी के मुखिया अरविंद केजरीवाल कांग्रेस को सबसे भ्रष्ट और बेइमान पार्टी बताते थे।
हालांकि दोनों दलों ने बाद में गठबंधन भी किया और साथ में लोकसभा का चुनाव भी लड़े, लेकिन अब स्थिति इसके विपरीत है। आने वाले साल में दिल्ली में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। इसी को लेकर चर्चाएं जोरों पर थी। लेकिन आज तय हो गया कि यह गठबंधन दिल्ली में साथ चुनाव नहीं लड़ेगा।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वह किसी से गठबंधन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हम दिल्ली में सभी 70 की 70 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. कोई गठबंधन नहीं होगा।
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव के बयान पर दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने कहा कि, ”इस देश की परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए इंडिया अलायंस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन है और जहां तक दिल्ली की बात है तो यहां आम आदमी पार्टी का अलायंस दिल्ली की जनता के साथ है. जनता के लिए हम काम करते हैं और दिल्ली की जनता अरविंद केजरीवाल के साथ है.”


