22 अप्रैल 2025 को जम्मू- कश्मीर के पहलगाम में स्थित बैसरन घाटी, जिसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से भी जाना जाता है, में एक भयानक आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हमले में कम से कम 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें दो विदेशी पर्यटक, एक भारतीय नौसेना अधिकारी और एक खुफिया ब्यूरो कर्मी शामिल थे। यह हमला कश्मीर घाटी में 2019 के बाद नागरिकों पर हुआ सबसे बड़ा आतंकी हमला था।
यह आतंकी हमला दोपहर करीब 3 बजे हुआ, जब चार से छह सशस्त्र आतंकवादी, जो कथित तौर पर सैन्य वर्दी में थे, बैसरन घाटी में पहुंचे। यह क्षेत्र पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है, जहां लोग पिकनिक, घुड़सवारी और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने आते हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आतंकवादियों ने पहले पर्यटकों से उनके नाम और धर्म पूछे। जो लोग हिंदू के रूप में पहचाने गए, उन्हें निशाना बनाया गया। कई पीड़ितों को सिर में गोली मारी गई, जिससे यह हमला और भी भयावह हो गया।
एक महिला प्रत्यक्षदर्शी, जिनके पति मंजुनाथ राव इस हमले में मारे गए, उन्होंने बताया कि आतंकवादियों ने उनसे कहा, “जाओ, यह बात मोदी को बताओ।” उन्होंने यह भी बताया कि हमलावरों ने महिलाओं और बच्चों को निशाना नहीं बनाया, लेकिन पुरुषों को चुन-चुनकर मारा। एक अन्य पीड़िता, हिमांशी नरवाल, ने बताया कि उनके पति, लेफ्टिनेंट विनय नरवाल, जो हाल ही में शादी के बाद हनीमून के लिए पहलगाम आए थे, को भेलपुरी खाते समय सिर में गोली मार दी गई।
इस हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली, जो पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का एक सहयोगी संगठन है।
हमले के तुरंत बाद, भारतीय सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने क्षेत्र को घेर लिया और आतंकवादियों की तलाश के लिए एक व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया। घायलों को हेलीकॉप्टर और स्थानीय लोगों की मदद से पोनियों के जरिए पहलगाम लाया गया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भी जांच शुरू की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सऊदी अरब यात्रा को छोटा कर दिल्ली लौटकर आपातकालीन बैठक की। उन्होंने सोशल मीडिया पर हमले की निंदा करते हुए कहा, “इस जघन्य कृत्य के पीछे के लोग बख्शे नहीं जाएंगे। आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई अटल है।” केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर में पीड़ितों के शवों पर पुष्पांजलि अर्पित की और स्थिति का जायजा लिया।
जम्मू-कश्मीर सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों के लिए 2 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों के लिए 1 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है।
इस हमले की देश-विदेश में कड़ी निंदा हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और फ्रांस के मंत्री फ्रांस्वा-नोएल बफे ने भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की।


