‘खान सर’ के कोचिंग संस्थान पहुंचे बिहार के राज्यपाल, सोशल मीडिया पर मचा बवाल

बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का पटना स्थित प्रसिद्ध शिक्षक खान सर के कोचिंग संस्थान ‘खान जी.एस. रिसर्च सेंटर’ का दौरा सोशल मीडिया पर बहस का विषय बन गया है। इस दौरे के बाद कई नेटिज़न्स ने इसे लेकर राज्यपाल और खान सर दोनों पर निशाना साधा, जिससे ट्रोलिंग का सिलसिला शुरू हो गया। दरअसल, बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, जो हाल ही में खान सर की शादी और रिसेप्शन में भी शामिल हुए थे, शनिवार (7 जून, 2025) को अचानक खान सर के कोचिंग संस्थान पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने खान सर के कार्यों, खासकर गरीब छात्रों के लिए उनके प्रयासों की खुलकर सराहना की। उन्होंने क्लासरूम का भी निरीक्षण किया और दिव्यांग छात्रों के लिए बनी आरक्षित सीटों को देखकर काफी प्रभावित हुए।

राज्यपाल ने यह भी वादा किया कि वे जल्द ही छात्रों के साथ एक क्लास में बातचीत करने के लिए वापस आएंगे।यह दौरा, जिसे एक प्रतिष्ठित संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा एक निजी शैक्षणिक संस्थान को दी गई मान्यता के रूप में देखा जा सकता है, तुरंत सोशल मीडिया पर छा गया। एक तरफ, खान सर के समर्थकों और उनके छात्रों ने राज्यपाल के इस कदम का स्वागत किया। उनके लिए, यह उनके प्रिय शिक्षक के अथक प्रयासों और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान की एक बड़ी उपलब्धि थी। कई लोगों ने इसे इस बात का प्रमाण बताया कि खान सर न केवल लोकप्रिय हैं, बल्कि उनके काम को बड़े स्तर पर भी सराहा जा रहा है। उनके प्रशंसक इस बात से खुश थे कि एक राज्यपाल जैसे उच्च पदस्थ व्यक्ति ने आम छात्रों से जुड़ने और एक लोकप्रिय शिक्षक का सम्मान करने का समय निकाला।

हालांकि, दूसरी ओर सोशल मीडिया पर एक बड़ा वर्ग ऐसा भी था जिसने इस दौरे को लेकर ट्रोलिंग शुरू कर दी। ट्रोलर्स ने कई तरह के सवाल उठाए और टिप्पणियां कीं। कुछ ने राज्यपाल के इस दौरे को ‘पब्लिसिटी स्टंट’ करार दिया। उनका तर्क था कि राज्यपाल जैसे व्यक्ति को एक निजी कोचिंग संस्थान का दौरा करने की बजाय राज्य के सरकारी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की स्थिति सुधारने पर ध्यान देना चाहिए, जो अक्सर संसाधनों की कमी और अन्य समस्याओं से जूझते रहते हैं।

राज्यपाल राज्य के विश्वविद्यालयों के पदेन कुलाधिपति होते हैं और उन पर शैक्षणिक गुणवत्ता और प्रशासन सुनिश्चित करने की बड़ी जिम्मेदारी होती है। ऐसे में एक कोचिंग संस्थान का दौरा कई लोगों को प्राथमिकता का गलत निर्धारण लगा। कुछ नेटिज़न्स ने खान सर की शैक्षणिक योग्यता और उनके पढ़ाने के तरीके को लेकर पहले उठे विवादों का भी जिक्र किया। खान सर, जो अपने अनूठे और बोलचाल की भाषा में पढ़ाने के लिए जाने जाते हैं, पहले भी कुछ विषयों पर अपनी टिप्पणियों और पढ़ाने के तरीके को लेकर आलोचना का शिकार हुए हैं।

ट्रोलर्स ने इन्हीं पुरानी बातों को उठाकर राज्यपाल के दौरे पर सवाल खड़े किए और उन्हें ‘लोकप्रियता के पीछे भागने’ वाला बताया। इसके अलावा, कुछ लोगों ने राज्यपाल के इस दौरे को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की। उन्होंने इसे आगामी चुनावों से जोड़कर देखा या इसे एक खास समुदाय को साधने के प्रयास के रूप में बताया। हालांकि, राज्यपाल का पद गैर-राजनीतिक होता है, लेकिन जब ऐसे दौरे होते हैं, तो सोशल मीडिया पर अक्सर राजनीतिक बयानबाजियां शुरू हो जाती हैं।

कुल मिलाकर, बिहार के राज्यपाल का खान सर के कोचिंग संस्थान का दौरा एक दिलचस्प घटना थी जिसने सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं बटोरीं। यह दर्शाता है कि आज के डिजिटल युग में, सार्वजनिक हस्तियों के हर कदम पर बारीकी से नजर रखी जाती है और उनकी हर गतिविधि पर सार्वजनिक बहस छिड़ जाती है।

जहां एक ओर यह दौरा खान सर के लिए एक बड़ी उपलब्धि और उनके काम की पहचान थी, वहीं दूसरी ओर इसने राज्यपाल की भूमिका, शैक्षणिक संस्थानों की स्थिति और सोशल मीडिया के प्रभाव को लेकर कई सवाल भी खड़े किए। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि लोकप्रियता और संवैधानिक पद, जब एक साथ आते हैं, तो किस तरह सार्वजनिक विमर्श का केंद्र बन सकते हैं।

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Author: Nation TV

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