नई दिल्ली ,27 जून 2025- मानसून का मौसम जहां हरियाली, राहत और ठंडक लेकर आता है, वहीं यह समय कई संक्रामक रोगों के फैलने का कारण भी बन जाता है। विशेष रूप से डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, टाइफाइड, दस्त और वायरल बुखार जैसी बीमारियाँ इस मौसम में तेजी से फैलती हैं। इसके पीछे कई प्राकृतिक और सामाजिक कारण होते हैं, जिनसे लोग अक्सर अनजान रहते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों और सरकारी रिपोर्टों के अनुसार, जून से सितंबर के बीच होने वाली भारी वर्षा से जलजमाव, गंदगी और हवा में नमी बढ़ जाती है, जो रोग फैलाने वाले बैक्टीरिया, वायरस और मच्छरों के पनपने के लिए आदर्श परिस्थितियाँ बनाते हैं।
बारिश और बीमारियों का रिश्ता क्या है?
बारिश के दौरान और उसके बाद पानी का जमाव आम बात है। ये पानी खुले टैंकों, गड्ढों, टायरों, कूलरों, छतों और प्लास्टिक के कचरे में जमा हो जाता है। यही पानी मच्छरों के प्रजनन स्थल बनता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं:
“Aedes aegypti मच्छर साफ और स्थिर पानी में अंडे देता है। यह मच्छर डेंगू फैलाने के लिए ज़िम्मेदार होता है और दिन में काटता है। बारिश के मौसम में इसकी आबादी बहुत तेजी से बढ़ती है।”
इसी प्रकार गंदे पानी से संक्रमित भोजन और हाथों के माध्यम से हैजा, टाइफाइड और वायरल बुखार भी फैलता है।
डेंगू, मलेरिया और अन्य संक्रामक बीमारियाँ बारिश में क्यों फैलती हैं?
1. डेंगू
- डेंगू मच्छर बारिश के बाद जमाव वाले साफ पानी में पनपते हैं।
- यह मच्छर सुबह और शाम को काटता है।
- डेंगू का वायरस प्लेटलेट काउंट को कम कर देता है जिससे खून बहने की आशंका बढ़ जाती है।
2. मलेरिया
- मलेरिया मच्छर गंदे और ठहरे पानी में अंडे देता है।
- इसमें तेज बुखार, ठंड लगना, पसीना आना जैसे लक्षण होते हैं।
3. चिकनगुनिया
- यह भी डेंगू जैसे मच्छर से फैलता है।
- इसमें जोड़ों में तेज दर्द होता है और शरीर कमजोर हो जाता है।
4. टाइफाइड और दस्त
- बारिश के कारण जल स्रोत गंदे हो जाते हैं जिससे पेट की बीमारियाँ फैलती हैं।
- संक्रमित भोजन और पानी टाइफाइड, उल्टी-दस्त, पीलिया जैसी बीमारियाँ लाते हैं।
बीमारी के मामले बढ़े, अस्पतालों में सतर्कता
दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, लखनऊ, पटना, भोपाल सहित कई राज्यों के अस्पतालों में जून माह से डेंगू और मलेरिया के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं।
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, अकेले राजधानी में जून के तीसरे सप्ताह में डेंगू के 450 नए मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने फॉगिंग, घर-घर सर्वे और जन-जागरूकता अभियान तेज करने के निर्देश दिए हैं।
कैसे करें बचाव? – स्वास्थ्य विभाग की सलाह
🧴 मच्छरों से बचाव:
- कूलर, गमले, बाल्टियाँ और टंकियों को सप्ताह में दो बार साफ करें।
- शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।
- मच्छरदानी, कॉइल, लिक्विड और रेपेलेंट क्रीम का प्रयोग करें।
सफाई पर ध्यान दें:
- घर के आसपास जलजमाव न होने दें।
- नालियों की सफाई करवाएँ।
- टूटे टायर, प्लास्टिक की बोतलें, नारियल के खोल आदि को नष्ट करें।
हाथ धोने की आदत:
- खाने से पहले और टॉयलेट के बाद हाथ साबुन से ज़रूर धोएँ।
- बाहर का कटे फल या खुला खाना खाने से बचें।
पोषण और हाइड्रेशन:
- विटामिन C, प्रोटीन और आयरन युक्त भोजन लें।
- तुलसी, गिलोय, हल्दी और नींबू जैसे आयुर्वेदिक उपायों का प्रयोग करें।
- पानी, नारियल पानी, सूप और जूस भरपूर मात्रा में लें।
क्या हैं डेंगू और मलेरिया के लक्षण?
🔹 डेंगू के लक्षण:
- तेज बुखार (104 डिग्री तक)
- बदन और आंखों के पीछे दर्द
- त्वचा पर लाल चकत्ते
- प्लेटलेट्स में गिरावट
- उल्टी और कमजोरी
मलेरिया के लक्षण:
- ठंड लगकर तेज बुखार आना
- मांसपेशियों में दर्द
- अत्यधिक पसीना आना
- सिर दर्द और थकान
अगर ये लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और NS1 टेस्ट, CBC, मलेरिया पैरासाइट टेस्ट कराएं।
इलाज में बरतें ये सावधानियाँ
- डेंगू या मलेरिया में ब्रूफेन या एस्पिरिन जैसी दवाओं का सेवन न करें।
- डॉक्टर की सलाह से ही दवाएं लें।
- अधिक से अधिक आराम करें और तरल पदार्थ लें।
- प्लेटलेट बहुत कम होने पर रक्त चढ़ाने की जरूरत हो सकती है।
सरकार और स्कूलों की पहल
स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सभी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे बच्चों को डेंगू से बचाव के उपाय बताएं और सप्ताह में एक दिन ‘स्वच्छता दिवस’ मनाएँ।
राज्य सरकारों ने नगर निगम और पंचायतों को निर्देश दिए हैं कि वे नियमित फॉगिंग, लार्वा सर्वे और जनजागरूकता रैली का आयोजन करें।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय
“बारिश का मौसम संक्रमण के लिए सबसे अनुकूल समय होता है। हमें जागरूकता बढ़ानी होगी और हर स्तर पर सतर्कता बरतनी होगी। अगर हम घर और आसपास साफ-सफाई रखें, मच्छरों को पनपने से रोकें और पानी को उबालकर पिएँ तो 70% बीमारियाँ खुद-ब-खुद कम हो सकती हैं।”
बारिश का मौसम जितना सुहाना लगता है, उतना ही यह बीमारियों का वाहक भी बन सकता है। खासकर जब डेंगू और अन्य संक्रामक रोग तेजी से फैल रहे हों, तो सतर्कता, स्वच्छता और समय पर उपचार ही सबसे बड़ा बचाव है।
यह लेख जागरूकता के लिए लिखा गया है। बीमार होने पर अपने नजदीकी डॉक्टर से सलाह जरूर लें।


