हिमाचल प्रदेश में सोमवार रात मौसम ने विकराल रूप ले लिया। राज्य में एक ही रात में 17 जगह बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गईं। इससे नदियां-नाले उफान पर आ गए, कई जगह अचानक बाढ़ जैसे हालात बन गए। कुल्लू, मंडी, चंबा, शिमला, किन्नौर, सोलन और सिरमौर जिलों में सबसे ज्यादा असर देखा गया
कई लोग बह गए, अब तक कई लापता
तेज बहाव में कई लोग बह गए हैं। कुल्लू और चंबा से खबर है कि कुछ लोग रात के अंधेरे में पानी के सैलाब में बह गए। प्रशासन के मुताबिक अब तक करीब 12 लोग लापता बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। NDRF और SDRF की टीमें नदी किनारे व मलबे में फंसे लोगों की खोजबीन कर रही हैं।
रात में मची चीख-पुकार
बादल फटते ही गांवों में तेज आवाज के साथ पानी और मलबे का सैलाब घुस आया। कई लोग घर छोड़कर ऊंचाई की तरफ भागे। कुल्लू के आनी क्षेत्र में तो कई मकान मलबे में दब गए। वहां के लोगों ने बताया कि रात भर चीख-पुकार मची रही। सुबह होते ही तबाही का मंजर साफ दिखा। खेत, सड़कें और पुल सब बह गए।
सड़कों और पुलों को भारी नुकसान
कई जगह सड़कें टूटकर बह गईं, पुल ढह गए। कुल्लू-मनाली हाईवे पर जगह-जगह मलबा आने से रास्ता बंद हो गया। चंबा में एक बड़ा पुल बहने से दर्जनों गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया। लोक निर्माण विभाग की टीम रास्ते खोलने में जुटी है।
रेस्क्यू ऑपरेशन तेज
अब तक 120 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। कई जगह पर्यटक भी फंसे थे, जिन्हें रेस्क्यू कर निकाला गया। लापता लोगों को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन चल रहा है। प्रभावित इलाकों में राहत कैंप बनाए गए हैं, जहां पीड़ितों के खाने-रहने की व्यवस्था की गई है।
अगले 48 घंटे फिर भारी
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे में फिर भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और नदियों-नालों के किनारे न जाने की सलाह दी है।
मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी जिलों के डीसी से बात कर हालात की जानकारी ली। उन्होंने प्रभावित लोगों को तुरंत राहत देने और लापता लोगों की तेजी से तलाश करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर पीड़ित के साथ है।फिलहाल, प्रशासन का पूरा ध्यान राहत व बचाव कार्य पर है। उम्मीद है कि जल्द हालात काबू में आ जाएंगे और लापता लोगों का सुराग भी मिल सकेगा।


