नई दिल्ली-भारतीय क्रिकेट टीम के युवा बल्लेबाज शुभमन गिल ने इंग्लैंड के खिलाफ चल रही टेस्ट सीरीज के तीसरे मैच में अपने करियर की पहली डबल सेंचुरी जड़कर नया इतिहास रच दिया। गिल की इस शानदार पारी ने न सिर्फ भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाया बल्कि उनके आलोचकों को भी करारा जवाब दिया, जो पिछले कुछ समय से उनकी फार्म पर सवाल उठा रहे थे।
भारतीय क्रिकेट टीम के युवा सनसनी बल्लेबाज शुभमन गिल ने अपनी बेहतरीन फॉर्म जारी रखते हुए इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन गुरुवार को शानदार दोहरा शतक जड़कर टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। बर्मिंघम के एजबेस्टन मैदान पर खेले जा रहे इस मुकाबले में गिल ने न केवल अपना सातवां टेस्ट शतक पूरा किया, बल्कि उसे अपने पहले दोहरे शतक में भी तब्दील कर दिया
कप्तान के तौर पर जिम्मेदारी संभाल रहे शुभमन गिल का यह लगातार दूसरा शतक है। उन्होंने पिछले मैच में लीड्स में भी 147 रनों की बेहतरीन पारी खेली थी। इस मैच में भारत पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला में 0-1 से पीछे चल रहा है, ऐसे में गिल की यह शतकीय और फिर दोहरी शतकीय पारी टीम के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
गिल ने अपनी पारी की शुरुआत संयम से की और विकेट पर टिके रहे। उन्होंने 199 गेंदों में 11 चौकों की मदद से अपना शतक पूरा किया। इस दौरान उन्हें दूसरे छोर से कुछ विकेटों का नुकसान भी उठाना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपनी एकाग्रता भंग नहीं होने दी। गुरुवार को जब खेल शुरू हुआ, तो गिल 114 रनों पर बल्लेबाजी कर रहे थे। उन्होंने अपनी शानदार लय को जारी रखा और आत्मविश्वास से खेलते हुए अपने पहले टेस्ट दोहरे शतक की ओर कदम बढ़ाया।
गिल ने 311 गेंदों में अपना दोहरा शतक पूरा किया, जिसमें उन्होंने बेहतरीन स्ट्रोक्स लगाए। इस दोहरे शतक के साथ ही उन्होंने एक नया इतिहास रच दिया। शुभमन गिल इंग्लैंड में टेस्ट मैचों में दोहरा शतक लगाने वाले पहले भारतीय कप्तान बन गए हैं। यह उपलब्धि उनके करियर में एक और मील का पत्थर साबित हुई।
गिल को वाशिंगटन सुंदर का अच्छा साथ मिला, जिन्होंने उनका बखूबी साथ निभाया। गिल के दोहरे शतक तक भारत ने 500 रनों का आंकड़ा पार कर लिया था और छह विकेट खो दिए थे। रवींद्र जडेजा भी 89 रनों की शानदार पारी खेलकर आउट हुए।
शुभमन गिल की इस शानदार पारी की पूर्व भारतीय हेड कोच रवि शास्त्री ने भी जमकर तारीफ की है। उन्होंने इसे एक अनुशासित प्रदर्शन बताया और कहा कि गिल ने पूरे दिन शानदार और बहुत ठोस बल्लेबाजी की। गिल की इस पारी ने न केवल टीम को एक मजबूत स्कोर तक पहुंचाया है, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी नई ऊंचाइयां दी होंगी।
गिल की इस पारी को धैर्य और दृढ़ संकल्प का प्रतीक माना जा रहा है। उन्होंने इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों का डटकर सामना किया और खराब गेंदों पर रन बटोरे। उनकी बल्लेबाजी में क्लास और टेम्परामेंट का बेहतरीन मिश्रण देखने को मिला।
मैच के दूसरे दिन गिल के दोहरे शतक ने भारतीय खेमे में उत्साह भर दिया है, जबकि इंग्लैंड के गेंदबाज विकेटों के लिए तरसते दिखे। भारत अब इस मैच में मजबूत स्थिति में है और उसकी नजरें इंग्लैंड पर दबाव बनाने पर टिकी होंगी।
शुभमन गिल की यह ऐतिहासिक पारी निश्चित रूप से लंबे समय तक क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में याद रहेगी। एक कप्तान के तौर पर लगातार दो शतक और फिर उसे दोहरे शतक में बदलना, यह उनकी प्रतिभा और मानसिक दृढ़ता का प्रमाण है। भारत इस मैच में जीत दर्ज कर श्रृंखला में बराबरी करना चाहेगा और गिल की यह पारी उस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


