लखनऊ: बीबीडी ग्रुप पर आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई, ₹100 करोड़ की बेनामी संपत्ति जब्त

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शनिवार को आयकर विभाग ने प्रतिष्ठित बाबू बनारसी दास (बीबीडी) ग्रुप के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। विभाग ने समूह की लगभग ₹100 करोड़ रुपये मूल्य की बेनामी संपत्तियों को जब्त कर लिया है। यह कार्रवाई बेनामी लेनदेन निषेध अधिनियम के तहत की गई है, जिससे समूह के संचालकों को बड़ा झटका लगा है।

आयकर विभाग की बेनामी संपत्ति निषेध इकाई ने आज सुबह लखनऊ में बीबीडी ग्रुप के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान समूह के कई भूखंडों को जब्त किया गया, जिनकी अनुमानित कीमत लगभग ₹100 करोड़ रुपये है। जब्त की गई संपत्तियों में उत्तरधौना, जुग्गौर, 13 खास, सरायशेख और सेमरा गांव की जमीनें शामिल हैं, जो बीबीडी यूनिवर्सिटी के आसपास स्थित हैं।

आयकर विभाग की जांच में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। पता चला है कि ये बेनामी संपत्तियां समूह के कर्मचारियों, खासकर दलित समुदाय के लोगों के नाम पर खरीदी गई थीं। जांच में यह भी पाया गया कि इन संपत्तियों के असली मालिक बीबीडी के संस्थापक, पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय अखिलेश दास की पत्नी अलका दास, उनके बेटे विराज सागर दास, और उनकी कंपनियां मेसर्स विराज इंफ्राटाउन प्राइवेट लिमिटेड और हाईटेक प्रोटेक्शन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड हैं।

विभाग के सूत्रों के अनुसार, यह संपत्तियां साल 2005 से 2015 के बीच खरीदी गई थीं। आयकर विभाग को संदेह है कि यह बेनामी संपत्ति काले धन को छुपाने और टैक्स चोरी करने के उद्देश्य से खरीदी गई थी। विभाग अब इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के कोण से भी जांच कर सकता है।

बीबीडी ग्रुप लखनऊ का एक जाना-माना व्यावसायिक समूह है, जिसके शिक्षा, रियल एस्टेट और अन्य क्षेत्रों में कई व्यवसाय हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय अखिलेश दास का इस समूह में महत्वपूर्ण स्थान था। उनकी मृत्यु के बाद, उनके परिवार के सदस्य समूह के कामकाज को देख रहे हैं।

आयकर विभाग की इस कार्रवाई से लखनऊ के व्यापारिक और राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। एक प्रतिष्ठित समूह पर इस तरह की कार्रवाई से कई सवाल उठ रहे हैं। विभाग ने बेनामी लेनदेन निषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई की है, जो इस प्रकार की अवैध संपत्ति के खिलाफ सरकार की सख्त रुख को दर्शाता है।

आयकर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई अभी प्रारंभिक चरण में है और आने वाले दिनों में इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं। विभाग जब्त की गई संपत्तियों से जुड़े दस्तावेजों की गहन जांच कर रहा है और समूह के शीर्ष पदाधिकारियों से भी पूछताछ कर सकता है।

इस घटनाक्रम पर बीबीडी ग्रुप की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। हालांकि, समूह के सूत्रों का कहना है कि वे आयकर विभाग की जांच में पूरा सहयोग करेंगे और उन्हें उम्मीद है कि सच्चाई जल्द ही सामने आ जाएगी।

लखनऊ में आयकर विभाग की यह बड़ी कार्रवाई बेनामी संपत्ति के खिलाफ सरकार के अभियान का हिस्सा है। विभाग लगातार ऐसे लोगों और समूहों पर शिकंजा कस रहा है जो काले धन को छुपाने और टैक्स चोरी करने के लिए बेनामी संपत्तियों का इस्तेमाल करते हैं। इस कार्रवाई से अन्य ऐसे लोगों को भी एक कड़ा संदेश मिलेगा जो इस तरह की गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल हैं।

फिलहाल, आयकर विभाग की टीम बीबीडी ग्रुप के अन्य व्यवसायों और संपत्तियों की भी जांच कर रही है। यह देखना होगा कि इस मामले में आगे और क्या खुलासे होते हैं और क्या विभाग और भी संपत्तियों को जब्त करता है। लेकिन फिलहाल, बीबीडी ग्रुप के लिए यह कार्रवाई एक बड़ा झटका साबित हुई है, जिससे उनकी प्रतिष्ठा और व्यावसायिक गतिविधियों पर असर पड़ सकता है।

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Author: Nation TV

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