भक्तों के लिए सावन का महीना अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण होता है। यह पूरा महीना भगवान शिव को समर्पित है और इस दौरान उनकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। आज, 14 जुलाई 2025, सावन मास का पहला सोमवार है, और इस दिन का अपना खास महत्व है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में, जो कि एक प्रमुख धार्मिक नगरी है, इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है। गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर स्थित यह पवित्र शहर भगवान शिव के भक्तों के लिए एक विशेष स्थान रखता है।
सावन और भगवान शिव का अटूट संबंध:
सावन का महीना भगवान शिव को क्यों प्रिय है, इसके पीछे कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार, इसी महीने में भगवान शिव ने विषपान करके सृष्टि की रक्षा की थी। विष के प्रभाव को कम करने के लिए देवताओं ने उन पर जल डाला था, इसलिए सावन में शिवलिंग पर जल चढ़ाने का विशेष महत्व है। दूसरी कथा यह है कि सावन में ही माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी।
सावन सोमवार का विशेष महत्व:
सावन के महीने में पड़ने वाले प्रत्येक सोमवार का अपना विशेष महत्व है। माना जाता है कि सावन सोमवार का व्रत रखने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। अविवाहित कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत रखती हैं, वहीं विवाहित महिलाएं अपने पति और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए यह व्रत करती हैं।
प्रयागराज में सावन सोमवार:
प्रयागराज, जो कि त्रिवेणी संगम के लिए प्रसिद्ध है, में सावन सोमवार का महत्व और भी अधिक है। आज सुबह से ही संगम तट पर भक्तों का तांता लगा हुआ है। लोग गंगा में स्नान कर पवित्र जल से भगवान शिव का अभिषेक कर रहे हैं। शहर के सभी प्रमुख शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी हुई है। मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया है और पूरे दिन भजन-कीर्तन का आयोजन किया जा रहा है।
स्थानीय लोगों का मानना है कि प्रयागराज में संगम के जल से भगवान शिव का अभिषेक करने से विशेष फल प्राप्त होता है। मान्यता है कि इस पवित्र नगरी में किया गया हर धार्मिक कार्य कई गुना पुण्य प्रदान करता है।
सावन सोमवार की व्रत विधि:
अगर आप भी सावन सोमवार का व्रत रख रहे हैं, तो इसकी विधि जान लेना जरूरी है:
- प्रातः काल उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- घर के मंदिर में या किसी शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद और गंगाजल से अभिषेक करें।
- शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, शमी पत्र, फल और फूल चढ़ाएं।
- भगवान शिव की पूजा करें और ‘ओम नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
- सावन सोमवार व्रत कथा पढ़ें या सुनें।
- दिनभर फलाहार करें और शाम को सूर्यास्त के बाद व्रत खोलें।
आज के दिन क्या है खास:
आज सावन का पहला सोमवार होने के कारण इसका महत्व और भी बढ़ गया है। भक्त पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान शिव की आराधना में लीन हैं। प्रयागराज के मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और रुद्राभिषेक का आयोजन किया जा रहा है। माना जाता है कि पहले सावन सोमवार का व्रत रखने से पूरे सावन के व्रतों का फल मिलता है।


