ऑपरेशन महादेव: पहलगाम नरसंहार के मास्टरमाइंड समेत 3 आतंकी ढेर

जम्मू-कश्मीर में भारतीय सुरक्षाबलों ने एक बड़े आतंकवाद विरोधी अभियान, जिसे ‘ऑपरेशन महादेव’ नाम दिया गया, में तीन आतंकवादियों को मार गिराया है। इन आतंकियों में अप्रैल में हुए पहलगाम नरसंहार का कथित मास्टरमाइंड भी शामिल है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में इस अभियान की जानकारी देते हुए इसे सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी बताया।

ऑपरेशन महादेव क्या है?

‘ऑपरेशन महादेव’ भारतीय सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा चलाया गया एक संयुक्त और अत्यधिक समन्वित आतंकवाद विरोधी मिशन था। यह ऑपरेशन श्रीनगर के बाहरी इलाके में स्थित लिडवास क्षेत्र के दाचीगाम जंगल के ऊपरी इलाकों में महादेव रिज पर किया गया। यह क्षेत्र घने जंगलों और दुर्गम पहाड़ी रास्तों से घिरा हुआ है, जहाँ आतंकवादी अक्सर छिपते हैं। इस ऑपरेशन का कोड नाम ‘महादेव’ इसलिए रखा गया क्योंकि यह क्षेत्र स्थानीय रूप से पवित्र माना जाता है और इस समय भगवान शिव का पवित्र महीना सावन भी चल रहा है।

पहलगाम हमले से जुड़ाव:

अमित शाह ने लोकसभा में बताया कि इस ऑपरेशन में मारे गए तीनों आतंकवादी – सुलेमान शाह (उर्फ हाशिम मूसा), जिब्रान और हमजा अफगानी – पहलगाम आतंकी हमले में शामिल थे। सुलेमान शाह लश्कर-ए-तैयबा का ‘ए’ कैटेगरी का कमांडर था और पहलगाम के साथ-साथ गागनगीर में सोनमर्ग टनल परियोजना पर हुए आतंकी हमले में भी उसकी गहरी संलिप्तता थी, जिसमें सात लोग मारे गए थे।

ऑपरेशन का विवरण:

सुरक्षाबलों को पिछले कुछ हफ्तों से इन आतंकवादियों की गतिविधियों पर नज़र थी। 28 और 29 जुलाई की मध्यरात्रि को, खुफिया जानकारी के आधार पर, भारतीय सेना के विशेष बलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त घुसपैठ विरोधी अभियान शुरू किया। अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से एक अमेरिकी एम4 कार्बाइन राइफल, दो एके राइफल और अन्य हथियार बरामद किए गए हैं, जिनका इस्तेमाल पहलगाम हमले में किया गया था।

गृह मंत्री ने जांच प्रक्रिया के बारे में बताते हुए कहा कि पीड़ितों के परिवार के सदस्यों, पर्यटकों, पोनी ऑपरेटरों, फोटोग्राफरों और स्थानीय निवासियों सहित 1,000 से अधिक व्यक्तियों से पूछताछ की गई थी। एकत्र किए गए इनपुट्स के आधार पर, समग्र रेखाचित्र तैयार किए गए। बाद में, 22 जून को, बशीर और परवेज नामक दो व्यक्तियों की पहचान उन लोगों के रूप में की गई जिन्होंने आतंकवादियों को पनाह दी थी।

शाह ने संसद में बताया कि आतंकवादियों के पाकिस्तानी नागरिक होने की पुष्टि उनके पास से मिले पाकिस्तानी वोटर आईडी नंबरों और यहां तक कि पाकिस्तान में बनी चॉकलेट से भी हुई है। उन्होंने कहा कि एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) पहले ही उन लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है जिन्होंने आतंकवादियों को आश्रय दिया था और भोजन उपलब्ध कराया था।

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पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और भारत का जवाब:

ऑपरेशन महादेव में तीन आतंकवादियों के मारे जाने पर पाकिस्तान बिलबिला कर रह गया है। पाकिस्तान ने इन मारे गए आतंकवादियों को ‘निर्दोष’ और ‘मासूम पाकिस्तानी’ नागरिक बताया है और आरोप लगाया है कि भारत की एजेंसियां हिरासत में लिए गए पाकिस्तानियों को मुठभेड़ में मारकर उन्हें सीमा पार आतंकी बता रही हैं। इस पर अमित शाह ने पलटवार करते हुए कहा कि भारत के पास इस बात के ठोस सबूत हैं कि ये आतंकवादी पाकिस्तान से आए थे।

सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी:

सुरक्षाबलों की इस कार्रवाई को जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। यह ऑपरेशन 14 दिनों की लंबी घेराबंदी और पीछा करने का नतीजा था, जिसमें सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के बीच जबरदस्त तालमेल देखने को मिला। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी इस सफल ऑपरेशन के लिए सुरक्षाबलों को बधाई दी है।

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Author: Nation TV

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