भारत के लिए एयरस्पेस बंद करना पाकिस्तान को पड़ा भारी

इस्लामाबाद। भारत के लिए अपने एयरस्पेस को बंद करने का फैसला पाकिस्तान को आर्थिक तौर पर भारी पड़ गया है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, एयरस्पेस बंद रहने से पाकिस्तान को महज दो महीनों में करीब 127 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यह नुकसान मुख्य रूप से ओवरफ्लाइट शुल्क से हुई कमी और एयरलाइन ट्रैफिक में गिरावट के कारण हुआ।

सूत्रों के मुताबिक, फरवरी में एक तनावपूर्ण घटनाक्रम के बाद पाकिस्तान ने अपने एयरस्पेस को भारत के विमानों और कुछ अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए बंद कर दिया था। इस निर्णय के बाद, भारत से यूरोप, अमेरिका और मध्य एशिया जाने वाली कई उड़ानों को लंबा रूट लेना पड़ा, जिससे यात्रा समय और ईंधन लागत बढ़ी। वहीं, पाकिस्तान को ओवरफ्लाइट शुल्क से मिलने वाली आमदनी में भारी गिरावट आई।

ओवरफ्लाइट शुल्क से बड़ी कमाई होती थी
पाकिस्तान की एविएशन अथॉरिटी को हर गुजरने वाली अंतरराष्ट्रीय उड़ान से औसतन 2,500 से 4,000 डॉलर तक का ओवरफ्लाइट शुल्क मिलता था। एयरस्पेस बंद होने के बाद यह राजस्व लगभग आधा हो गया। दो महीनों के भीतर पाकिस्तान को अनुमानित 15 मिलियन डॉलर (करीब 127 करोड़ रुपये) का नुकसान झेलना पड़ा।

एयरलाइंस को भी बढ़ा बोझ
इस कदम का असर सिर्फ पाकिस्तान की आय पर ही नहीं पड़ा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस को भी प्रभावित किया। लंबे रूट से ईंधन की खपत और परिचालन लागत में भारी बढ़ोतरी हुई। कई कंपनियों ने अस्थायी रूप से अपनी उड़ानें स्थगित कर दीं या वैकल्पिक मार्ग अपनाए।

विशेषज्ञों की राय
एविएशन विशेषज्ञों का मानना है कि एयरस्पेस बंद करना अल्पकालिक रणनीतिक कदम हो सकता है, लेकिन लंबे समय में इससे दोनों देशों के लिए आर्थिक नुकसान होता है। पाकिस्तान के मामले में, यह नुकसान पहले ही दो महीने में स्पष्ट रूप से दिखने लगा है।

भविष्य की संभावना
हालांकि पाकिस्तान ने कुछ उड़ानों के लिए आंशिक रूप से एयरस्पेस खोलने की अनुमति दी है, लेकिन पूर्ण रूप से खुलने में अभी समय लग सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे-जैसे आर्थिक दबाव बढ़ेगा, पाकिस्तान को यह फैसला बदलने पर मजबूर होना पड़ सकता है।

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Author: Nation TV

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