(जम्मू-कश्मीर): जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चशोटी क्षेत्र में गुरुवार को बादल फटने की भीषण घटना ने तबाही मचा दी। अचानक आई तेज़ बारिश और मलबे के सैलाब ने दर्जनों घरों, दुकानों और एक सुरक्षा चौकी को अपनी चपेट में ले लिया। हादसे में अब तक 50 से ज्यादा लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 80 से अधिक लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन और राहत एजेंसियों के अनुसार, इस आपदा में कई श्रद्धालु भी फंस गए थे, जो मचैल माता यात्रा के लिए आए हुए थे। घटना के वक्त इलाके में लंगर चल रहे थे और सैकड़ों लोग मौजूद थे। पहाड़ी ढलानों से पानी और मलबे का इतना तेज बहाव आया कि लोग भागने का मौका भी नहीं पा सके।
बचाव कार्य जारी
राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय टीमें लगातार मलबे को हटाकर लोगों को निकालने में जुटी हैं। अब तक 300 से अधिक लोगों को सुरक्षित बचाया जा चुका है। वहीं, कई गंभीर रूप से घायल लोगों को हेलिकॉप्टर की मदद से अस्पतालों में भेजा गया है। खराब मौसम और टूटी सड़कों के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें आ रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है और प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। पीएम मोदी ने राहत कार्यों के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। केंद्र सरकार ने एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीमें भेजी हैं, जबकि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने आसपास के इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है।
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक जम्मू-कश्मीर के ऊपरी इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। वहीं, तीर्थ यात्रा को फिलहाल रोक दिया गया है, ताकि बचाव और पुनर्वास कार्यों में तेजी लाई जा सके।


